देवरिया और कुशीनगर के एक जिला रहते समय सूर्यप्रताप शाही जी 1985 में पहली बार कसया से विधायक बने। 1989 में वह चुनाव हार गए। 1991 में रामलहर पर सवार होकर प्रदेश में पहली बार भाजपा की सरकार बनी। उस समय शाही जी कसया से दूसरी बार विधायक चुने गए थे। उस समय के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के काफी करीबी होने के चलते श्री शाही को भाजपा की पहली ही सरकार में गृह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनने का मौका मिला। कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री ने शाही जी का प्रमोशन करते हुए कैबिनेट मंत्री बना दिया तथा उन्हें स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी। हालांकि इस सरकार का कार्यकाल दो साल से कम ही रहा, लेकिन श्री शाही की प्रदेशस्तरीय पहचान के साथ अच्छे प्रशासक की छबि बन गयी।
1996 में प्रदेश में भाजपा की दूसरी बार सरकार बनी और शाही जी तीसरी बार विधायक चुने गए। उन्हें एक बार फिर से कैबिनेट में जगह मिली तथा आबकारी मंत्री बनाया गया। उसी सरकार में प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू की गयी। इस बीच उनके राजनीतिक जीवन को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी होती रही, लेकिन 2017 में भाजपा की सत्ता में वापसी के साथ ही शाही पथरदेवा से विधायक चुने गए। उन्हें कैबिनेट में शामिल करते हुए कृषि मंत्री बनाया गया। पांच साल तक कृषि मंत्री ले रूप में कार्य करने वाले शाही को योगी-2 सरकार में भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
-जन्म 23 दिसम्बर 1952 को देवरिया में
-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक व एलएलबी
-पिता स्व राजेन्द्र किशोर शाही, अधिवक्ता व आरएसएस के स्वयंसेवक
-चाचा स्व रविन्द्र किशोर शाही, जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश में ऊर्जा मंत्री रहे
-1980 में कसया से पहला चुनाव लड़े, पराजित हुए
-1985 में पहली बार विधायक
-1991 में दूसरी बार विधायक बने व प्रदेश के गृह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व स्वास्थ्य मंत्री
-1996 में प्रदेश सरकार में आबकारी मंत्री बने
-2011 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने
-2017 में पथरदेवा से चुनाव जीते। प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री बने
-2022 में फिर चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री बने हैं।
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