
लखनऊ 20 नवम्बर 2024। भारतीय जनता पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बुधवार को हुई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी की पत्रकार वार्ता के मुख्य बिन्दु:-
उपचुनाव में अपनी पराजय सुनिश्चित जानकर समाजवादी पार्टी ने अपने गुंडा और माफिया प्रकोष्ठ को आगे कर दिया है।
शांति और सौहार्द के माहौल में चुनाव सम्पन्न हो, यह सपा को कभी नहीं सुहाता, इसीलिए यह लोग उपचुनाव को रक्तरंजित करने पर उतारू हैं।
यह सपा मुखिया अखिलेश यादव जी की बदहवासी का परिचायक है। राजनीतिक जमीन खिसकने की खिसियाहट है। पूरा उत्तर प्रदेश लाल टोपी वालों के काले कारनामों का ताजा संस्करण देखकर स्तब्ध है।
गुंडागर्दी की सारी हदें पार और इंसानियत को शर्मसार करते हुए करहल के बूथ संख्या 13 गांव कझरा में एक दलित समाज की बेटी की निर्मम हत्या का दुःखद समाचार मिला है। लड़की के माता पिता का कथन है कि उनकी बेटी की हत्या सपा नेताओं ने सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि बेटी ने भाजपा को वोट देने की बात की थी।
लाल टोपी वाले गुंडों का कुकृत्य एक बार फिर सबके सामने है। पीडीए का नारा देने वाले अखिलेश यादव के लाल टोपी वाले गुंडों ने करहल में दलित बेटी की निर्मम हत्या कर दी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव जी को अपनी पार्टी के गुंडों को नियंत्रण में रखना चाहिए, बाकी पुलिस और प्रशासन तो अपनी कार्यवाही करेगी।
उपचुनाव वाले क्षेत्रों में सपा ने बड़ी संख्या में बाहर से अराजक तत्वों को बुलाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की है।
मैनपुरी में सैफई परिवार और सपा प्रमुख के गुंडे फिर से आंतक का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। न भाजपा इसे बर्दाश्त करेगी, न सरकार और न ही उत्तर प्रदेश की जनता।
सपा का कहना है लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे, ऐसा कैसे हो सकता है फर्जी मतदान सपा की पहचान है, इस पर प्रहार उपचुनावों की शुचिता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
सपा और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाकर यह खुद पर ही कुठाराघात कर रहे हैं। गुंडई, अराजकता और अनिश्चितता फैलाना इनका ट्रेड मार्क है, जनता इस बात को समझती है।
सपा की ये बेचैनी उनकी ‘आउटसोर्सिंग नीति’ का फल है। वे फर्जी पहचान पत्र बनाकर मतदाता प्रदेश में आउटसोर्स कर रहे हैं, आरक्षण में भी ये धर्म विशेष को संविधान को ताक पर रख कर आउट ऑफ द कंटेक्स्ट जाकर आरक्षण देना चाहते हैं जो स्वीकार्य नहीं है।
सपा की यह तिलमिलाहट इसीलिए है क्योंकि जनता इनके खिलाफ है, जनता ने सपा के जंगलराज को पहचान लिया है इसीलिए ये निर्वाचन कार्य में जुटे अधिकारियों को धमकाने पर उतर आए हैं।
सरेआम पुलिस, निर्वाचन आयोग, पीठासीन अधिकारी निर्वाचन तंत्र पर आरोप लगाना उन्हें नौकरी जाने, पीएफ से वंचित करने जैसी धमकियां दी जा रही हैं, क्या यह स्वीकार्य है... कतई नहीं।
मीरापुर विधानसभा को लेकर और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों को लेकर लगाए गए सपा के सारे आरोप निराधार हैं, विक्टिम कार्ड खेलकर ये अपनी नाकाबिलीयत को छिपा नहीं सकते।
सपा का कहना है मीडिया बिकी हुई है, हर कोई बिका हुआ है, इनका कहना है बीजेपी के वोटर्स घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं तो फिर वोट कौन डाल रहा है, साफ है झूठ की इमारत सच की ईंट से मजबूत नहीं हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के उप चुनावों में बीजेपी प्रचंड जनादेश प्राप्त करेगी ये निश्चित है, सपा के गुंडाराज की प्रदेश में हार निश्चित है, सुशासन हमेशा कुशासन और कुप्रबंधन पर विजयी होता है और उत्तर प्रदेश की जनता इस बात को सच कर दिखाने जा रही है।
समाजवादी पार्टी को लोकतंत्र पर नहीं लूटतंत्र पर भरोसा है। मतपेटियां लूट कर सरकार बनाने वालों को उत्तर प्रदेश की जनता ने नकार दिया है।
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