
लखनऊ 12 अप्रैल 2024। गेहूं की बिक्री को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनर्गल आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि 2014 और 2019 के बाद अब 2024 में भी लोकसभा चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार पाने जा रहे अखिलेश यादव अपनी सुध-बुध खो चुके हैं। वो इस कदर बदहवाश हो चुके हैं कि न तो सही और गलत में अंतर कर पा रहे हैं और न ही तथ्यों और प्रमाण के आधार पर अपनी बात रख पा रहे हैं। उन्होंने एक मनगढ़ंत पत्र के आधार पर जो आरोप लगाए हैं, वो सरासर झूठे और बेबुनियाद हैं। प्रदेश में किसानों को अपना गेहूं सरकारी या व्यापारियों को बेचने के लिए पूरी स्वतंत्रता मिली हुई है। उन्हें जहां भी अच्छा दाम मिले वो वहां अपना गेहूं बेच सकते हैं।
शुक्रवार को अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर गोण्डा के एक गुमनाम गल्ला व्यापारी का पत्र साझा किया था, जिसमें प्रदेश सरकार पर गेहूं किसानों एवं व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। इस पर श्री स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव को न सिर्फ करारा जवाब दिया, बल्कि उन्हें आइना भी दिखा दिया। उन्होंने कहा कि यह पत्र पूरी तरह झूठा है। इस पर न तो गल्ला व्यापारी का नाम लिखा है और न ही किसी संगठन का। यह सादे कागज पर लिखा गया एक ऐसा कोरा झूठ है जो अखिलेश यादव की पोल खोलने के लिए काफी है। ये समाजवादी पार्टी की आईटी सेल बेतुका कारनामा है, जिसको दिखाकर सपा प्रमुख गेहूं किसानों को भ्रमित करना चाहते हैं। प्रदेश के गेहूं किसान योगी सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं से पूरी तरह संतुष्ट हैं और यदि उन्हें कोई भी परेशानी होती है तो सरकार ने उनके साथ संवाद के कई प्लेटफॉर्म बनाए हैं जहां वो अपनी बात रख सकते हैं। इससे समझ में आता है कि जिन लोगों ने वर्षों तक दलालों के माध्यम से गेहूं किसानों का गेहूं हड़पा और उन्हें उनकी लागत तक मिलने नहीं दी, आज वही लोग किसानों को गेहूं की ऊंची कीमत पाता देखकर बौरा गए हैं। उनसे किसानों की आय में वृद्धि और उनकी समृद्धि देखी नहीं जा रही।
श्री स्वतंत्र देव सिंह ने विपक्ष की कलई खोलते हुए कहा कि जो आरोप सोशल मीडिया पर लगाए गए हैं उसके झूठ को स्वयं मंडी परिषद ने भी खारिज कर दिया है। मंडी परिषद ने शुक्रवार को ही स्पष्ट किया है कि किसानों से गेहूं खरीद के लिए उसके पास पर्याप्त स्थल, क्रय केन्द्र और सुविधाएं मौजूद हैं। किसानों के विश्राम की जगह, पेयजल, छनाई और सफाई के पर्याप्त उपकरण मुहैया कराए गए हैं। यही नहीं मंडी परिषद की ओर से ये भी कहा गया है कि किसानों को 2275 की एमएसपी के अतिरिक्त इस वर्ष 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धनराशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, किसान भाई अपना गेहूं व्यापारियों को या सरकारी क्रय केंद्रों पर जहां उन्हें सबसे अच्छा मूल्य मिले वहां बेचने के लिए स्वतंत्र है। व्यापारी भी गेहूं क्रय करने के लिए स्वतंत्र हैं और प्रदेश के अंदर या प्रदेश के बाहर गेहूं के परिवहन के लिए गेट पास भी निर्बाध रूप से जारी हो रहे हैं। मंडी परिषद की ओर से शुक्रवार के ही तीन गेट पास जारी किए गए हैं, जिसमें कृषि उत्पादन मंडी समिति खैर से पंजाब के लिए दो गेट पास और गोण्डा से बेंगलुरू के लिए गेट पास जारी किया गया है। यह बताता है कि किसान प्रदेश के अंदर भी और बाहर भी स्वेच्छा से अपने उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र है और इसी बात को लेकर विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है।
To Write Comment Please Login